“E vahan Ke Vistar Ke Liye Udyog Ko Badhane Honge Prayas: Tarun Kapoor”
“E vahan का विस्तार: ऑटोमोबाइल उद्योग को बड़ा कदम उठाने की जरूरत – पीएमओ सलाहकार तरुण कपूर
नई दिल्ली: ऑटोमोबाइल उद्योग को E vahan (EVs) की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के सलाहकार तरुण कपूर ने मंगलवार को फिक्की (FICCI) राष्ट्रीय सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्राहकों के बीच EVs की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए नए और बेहतर मॉडल्स को पेश करना उद्योग की बड़ी जिम्मेदारी है।
सरकार और उद्योग दोनों को करना होगा प्रयास
तरुण कपूर ने चार-पहिया वाहनों के संदर्भ में जोर दिया कि EVs को अपनाने के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग को सरकार से अधिक सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने बेहतर उत्पादों और व्यापक जागरूकता अभियानों की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री ई-ड्राइव (PM E-Drive) योजना में इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ग्राहकों को अधिक विकल्प और बेहतर संतोष प्रदान करने के लिए उद्योग को अपनी योजनाओं को और व्यापक बनाना होगा।
टैक्सेशन पर सरकार का विचार
टैक्सेशन के मुद्दे पर कपूर ने कहा, “सरकार कुछ भी स्पष्ट रूप से वादा नहीं कर सकती, लेकिन हम समझते हैं कि टैक्सेशन एक प्रमुख मुद्दा है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऑटोमोबाइल उद्योग आर्थिक रूप से टिकाऊ रहे।”
उन्होंने यह भी बताया कि PM E-Drive योजना चार-पहिया वाहनों को विशेष रूप से कवर नहीं करती है, लेकिन इस सेगमेंट में सरकार का समर्थन बरकरार है।
डीजल वाहनों को बदलने की आवश्यकता
कपूर ने वायु प्रदूषण का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदूषण से प्रभावित शहरों में डीजल वाहनों को EVs से बदलना होगा। उन्होंने कहा, “हल्के वाणिज्यिक वाहनों के मामले में, हमें कुछ शहरों में एक समय सीमा तय करनी होगी जब हम कहें कि अब डीजल वाहनों की अनुमति नहीं होगी।”
भारत को बनाना है EV निर्माण में अग्रणी
तरुण कपूर ने जोर देकर कहा कि EV सेक्टर न केवल ऊर्जा सुरक्षा के लिए बल्कि भारत को EVs के निर्माण में विश्व नेता बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। “हम पहले से ही मोटर वाहनों, उनके घटकों और पुर्जों के निर्माण में मजबूत क्षमता रखते हैं। हमें EVs के निर्माण में भी अग्रणी बनना है और विश्वभर में निर्यात करना है। यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए,” उन्होंने कहा।
बैटरी तकनीक और कंपोनेंट्स में सुधार
सरकार बैटरी निर्माण और EVs के लिए महत्वपूर्ण घटकों के उत्पादन पर ध्यान दे रही है। कपूर ने बताया कि मंत्रालय एनोड, कैथोड, फॉइल निर्माण और OEMs (मूल उपकरण निर्माता) को साथ लाने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि बैटरी तकनीक, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रीसाइक्लिंग में शोध को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में विस्तार के लिए उद्योग और सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा। बेहतर उत्पाद, मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, टैक्स सुधार और जागरूकता के माध्यम से EVs को व्यापक स्तर पर अपनाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। भारत न केवल EVs का उपयोग करने वाला देश बनेगा, बल्कि इसे विश्व स्तर पर EVs का निर्माण और निर्यात करने वाला अग्रणी देश भी बनाना है।