Khel mahakumbh 2025: श्रद्धा, एकता और वसुधैव कुटुंबकम् का महापर्व”

Khel mahakumbh  2025: विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन

प्रयागराज: भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम, Khel mahakumbh 2025, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार से आरंभ हो चुका है। यह महापर्व 45 दिनों तक चलेगा और इसका समापन 26 फरवरी को होगा। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पवित्र संगम पर लाखों श्रद्धालु और साधु-संत इस आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं।

मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम पर 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “एकता, आस्था और वसुधैव कुटुंबकम्” का प्रतीक बताया। यह आयोजन पूरे विश्व के लिए भारतीय संस्कृति की विशालता और आध्यात्मिकता का परिचायक है।

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मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं का सैलाब

मकर संक्रांति, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कि पोंगल, बिहू और माघी, महाकुंभ 2025 का पहला प्रमुख स्नान दिवस रहा। इस दिन लाखों श्रद्धालु भोर होते ही गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे। घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बावजूद, श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।

महाकुंभ में अमृत स्नान को पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का मार्ग माना जाता है। यूपी सरकार ने बताया कि पहले दिन 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया।

Mahakumbh 2025


महाकुंभ के मुख्य आकर्षण

महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और विविधता का उत्सव है। इसमें विभिन्न अखाड़ों की शोभायात्राएं, आध्यात्मिक प्रवचन, योग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

महत्वपूर्ण स्नान तिथियां:

  • 14 जनवरी: मकर संक्रांति (प्रथम शाही स्नान)
  • 29 जनवरी: मौनी अमावस्या (द्वितीय शाही स्नान)
  • 3 फरवरी: बसंत पंचमी (तृतीय शाही स्नान)
  • 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा
  • 26 फरवरी: महाशिवरात्रि

अखाड़ों की परंपरागत शोभायात्राएं:

महाकुंभ में अखाड़ों की शोभायात्रा एक प्रमुख आकर्षण है। मंगलवार को श्री पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन, और निर्वाण अखाड़ा ने अमृत स्नान किया। श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा ने सबसे अंत में स्नान किया।


सुरक्षा और प्रबंधन में आधुनिक तकनीक का उपयोग

महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। राज्य के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए आधुनिक उपकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जा रहा है।”

प्रमुख प्रबंध:

  • 40,000 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती।
  • 1.5 लाख तंबुओं की व्यवस्था।
  • अंडरवाटर मॉनिटरिंग के लिए विशेष उपकरण।
  • फायर फाइटिंग और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष व्यवस्था।

सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक सब कुछ नियंत्रित और सुरक्षित है।


दुखद घटना: एक नेता का निधन

महाकुंभ के पहले दिन, महाराष्ट्र के सोलापुर के पूर्व मेयर और एनसीपी नेता महेश कोठे की त्रिवेणी संगम पर स्नान के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। यह घटना सुबह 7:30 बजे हुई। उनके निधन पर श्रद्धालुओं और नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया।


विश्व का सबसे बड़ा आयोजन

महाकुंभ 2025 को “विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन” कहा जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना जताई है। प्रयागराज में श्रद्धालुओं के रहने, खाने और स्नान के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

आवास और सुविधाएं:

  • 1.5 लाख अस्थाई तंबू।
  • 500 से अधिक सामुदायिक भोजनालय।
  • निशुल्क चिकित्सा सेवाएं।
  • स्वच्छता और सफाई के लिए विशेष टीमें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महाकुंभ 2025 भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। इस आयोजन को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं।”


वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश

महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि “वसुधैव कुटुंबकम्” (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) का संदेश भी देता है। यह पर्व सभी को समानता, प्रेम और भाईचारे के सूत्र में बांधता है।

श्रद्धालुओं ने इसे आस्था का अद्वितीय उत्सव बताया, जहां हर डुबकी आत्मिक शांति और पवित्रता का अनुभव कराती है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की गहराई को विश्व पटल पर प्रस्तुत करता है।

निष्कर्ष: श्रद्धा का महासंगम

महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय परंपराओं और आस्था का जीवंत उदाहरण है। करोड़ों श्रद्धालु यहां डुबकी लगाकर न केवल आत्मिक शांति प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति के इस अद्भुत महोत्सव का हिस्सा बन रहे हैं।

जय गंगा मैया!

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